नूंह, (सरूप सिंह)। देश का भविष्य युवाओ को माना जाता है. इसलिए देश की प्रगति के लिए युवाओ का सही कदम पर चलना बहुत ही जरुरी होता है, देश के सञ्चालन में आज की युवा का विशेष योगदान होने वाला है। पिछले कुछ सालो से नशा लोगो को अपना आदी बना रहा है. लोग नशेड़ी बनकर अपना तथा अपनों का भविष्य बर्बाद करने को तुले हुए है. इसलिए हमें नशे से मुक्ति के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है.

आज की युवा गुटका, बीडी, सिगरेट और शराब पीकर खुद को शाही जीवन देना का प्रयास करता है। पर नशे से जीवन में सुधार नहीं किया जा सकता है, नशा जीवन की बर्बादी का सबसे बड़ा माध्यम है। लोगो में शिक्षा का अभाव होने के कारण लोग अपनी भलाई को नहीं समझ पा रहे है। इसलिए इस समय हमें नशा मुक्ति योजना के माध्यम से सभी को नशे से होने वाले नुकसान से अवगत करवा कर नशा छुडवाने का प्रयास करना चाहिए.
हमारे देश के युवा अपना आदर्श भगत सिंह या गांधी को न मानकर फ़िल्मी हीरो को मानती है. जो फिल्म इंडस्ट्री में काम करते है. पर आज के युवाओ के हीरो युवाओ का ही जीवन बर्बाद कर रहे है। बड़े बड़े अभिनेता अपने स्वार्थ के लिए तथा कम्पनियों से मिल रहे पैसो के लिए नाशो का प्रसार करते है. आज फिल्म इंडस्ट्री के बड़े अभिनेता गुटके का विज्ञापन करते नजर आते है.
आज के विज्ञापनों से बचाकर युवाओ के भविष्य को सुरक्षित बनाना होगा. क्योकि आज के युवाओ के हीरो खुद लोगो के भविष्य के साथ पैसो के लिए खिलवाड़ कर रहे है. तथा खुद कुछ पैसे लेकर विज्ञापन करते है। आज हर युवा नशे की छपेट में है.कोई अफीम का नशा करता है,कोई शराब का तो कोई जर्दा गुटका या बीडी का इस प्रकार देखा जाए तो सभी नशे के अधीन बन चुके है.लोग नशे में अंधे हो गए है.
हमारे देश में होने वाली दुर्घटनाओ के अधिकांश मामले नशे में ही पाए जाते है.जो व्यक्ति नशा करता है.वह अपने जीवन की उन्नति नहीं कर सकता है.नशा शुरू तो जीवन की बर्बादी शुरू यही नियम है। आज के इस वैज्ञानिक युग में हर देश को उन्नति के लिए युवाओ के सहयोग की जरुरत है.वही हमारे देश में आज अधिकांश लोगो का सबकुछ नशा ही है.अपनी शुरूआती दौर में ही लोग नशा करना शुरू कर देते है।